जब भी हम आसमान में देखते हैं तो हमें चांद दिखाई देता है हम सूरज दिखाई देता है हमें हमारी दुनिया बहुत बड़ी लगती है लेकिन हमारी दुनिया इससे बहुत बड़ी है इसका कोई अंत नहीं है ।तो आज हम जानेंगे कि हमारे ब्रह्मांड का आखिरी छोर कौन है। सा। आज हमारा विज्ञान इतना आगे बढ़ गया है कि हमें आसमान में रहने वाली सभी चीजों की जानकारी बड़ी आसानी से मालूम पड़ती है। सबसे पहले हम लोग शुरुआत करेंगे धरती से। चंद्र पृथ्वी का चक्कर लगाता है। और पृथ्वी सूरज का चक्कर काटती है। इस तरह हमारे सूरज का पृथ्वी की तरह बहुत सारे ग्रह चक्कर लगाते हैं। सूरज तो एक तारा है। हमारे सौरमंडल में नाउ ग्रह है। इस तरह सौरमंडल बना है।
इस तरह बहुत सारे सौरमंडल और तारे मिलकर हस्तशिल्प बनती है। हमारे भूत बहुत सारे तारे हैं। और बहुत सारे सूरज हैं। हरिप्रिय नाम मिल्की वे है। इस तरह बहुत सारे भूत हमारे ब्रह्मांड में हैं जो हमारी आँखों से नजर नहीं आते हैं। 20 या 25 बिट मिलकर एक जाल बनता है जिसे हम लोग क्लस्टर कहते हैं।
जब बहुत सारे क्लस्टर मिलते हैं तो एक सुपरक्लस्टर बन जाता है। आज की तकनीक सिर्फ सुपरक्लस्टर तक का ही ब्रह्मांड देख सकी है। अभी तक वैज्ञानिक सिर्फ थोड़े बहुत सूपरक्लस्टर का शोध लागू करने के लिए ही सफल हुए हैं। वही जो सूपरक्लस्टर मै रहता है उसका नाम लान्यका सूपरक्लस्टर है। हमारे सुपरपरस्टर के पास और एक सुपरक्लस्टर है जिसका नाम सरस्वती सुपरक्लस्टर है
इस तरह हमारा ब्रह्मांड बहुत बड़ा है। इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
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